गोरा रंग या गुलाबी सेहत – चुनाव आपका है

गोरा रंग या गुलाबी सेहत – चुनाव आपका है

सेहतराग टीम

क्या आप अधिक गोरा होने के लिए टॉयलेट क्लीनर या स्टेन रिमूवर का इस्तेमाल कर सकते हैं? नहीं ना? लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि आप फेयरनेस क्रीमों के रूप में इन्हीं चीजों का इस्तेमाल कर रहे हैं। बहुत सी कंपनियां अपने उत्पादों की पैकेजिंग पर सही जानकारी नहीं देतीं।

फेयरनेस क्रीमों में इस्तेमाल होने वाले सबसे आम हानिकारक तत्व

हाइड्रोक्‍वीनन (hydroquinone)

ब्लीचिंग पाउडर के बारे में आप सभी को पता होगा। आपकी त्वचा को अधिक सफेद बनाने के लिए कंपनियां वैसी ही चीज का इस्तेमाल कर रही हैं। यह एक कैंसरकारी तत्व है, जो आपको कोई भी त्वचा रोग विशेषज्ञ बता देगा। यह एलर्जिक भी होता है और आपकी त्वचा पर खुजली पैदा कर सकता है। किडनी, लिवर और दूसरे अंगों के लिए भी यह बहुत नुकसानदायक है। आंखों के संपर्क में आने पर यह आंखों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। साथ ही यह आपके बालों को समय से पहले सफेद कर सकता है।

हाइड्रोक्सीथिल यूरिया (Hydroxyethyl urea)

यह तत्व मॉयश्चराइजर और फेयरनेस क्रीमों में आम तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। इससे आपके मुंह और होठों पर सूजन आ सकती है। यह आंखों में भी सूजन ला सकती है। त्वचा पर रैशेज हो सकते हैं। आपकी त्वचा संवेदनशील या एलर्जिक हो सकती है। अधिक इस्तेमाल से उपभोक्ता को सांस की तकलीफ हो सकती है।

मर्करी (mercury)

बहुत सी कंपनियां हमें गोरा बनाने के लिए क्रीमों में मर्करी का इस्तेमाल करती हैं। पर्याप्त रूप से शुद्ध किए बिना मर्करी का इस्तेमाल त्वचा और सॉफ्ट टिशू को गंभीर क्षति पहुंचा सकता है। यह त्वचा के कैंसर का एक कारण है। इससे हाइपरसेंसिटिविटी या एलर्जी हो सकती है, दूसरे अंगों को भी नुकसान हो सकता है।

फिनोक्सीइथानोल (phenoxyethanol)

यह तत्व अधिकांश फेयरनेस क्रीमों में इस्तेमाल होता है। यह त्वचा पर खुजली और अन्य रियेक्शनों को पैदा कर सकता है। कुछ लोगों को इससे एलर्जी हो सकती है। आंखों में इरिटेशन होना एक आम समस्या है। त्वचा में इंफेक्शन और फफोले हो सकते हैं। यह फेफड़ों के टिशू को इरिटेट करता है। यह न्यूरोटॉक्सिक है, जिसका मतलब है कि यह हल्के से लेकर गंभीर न्यूरोलॉजिकल समस्याओं की वजह बन सकता है।

मिथाइल पैराबेन (methyl paraben)

आप अधिकांश उत्पादों पर यह नाम देख सकते हैं मगर यह कितना नुकसानदेह है, यह आप नहीं जानते होंगे। यह स्तन कैंसर पैदा कर सकता है और आंखों को गंभीर क्षति पहुंचा सकता है। यह आपकी दृष्टि को खराब कर सकता है। पुरुषों को तुरंत सतर्क हो जाने की जरूरत है क्योंकि यह साफ तौर पर स्पर्म काउंट को कम करता है।

टीईए, डीईए, एमईए (Triethanolamine (TEA), Diethanolamine (DEA), Amonoethanolamine (MEA))

यह आम तौर पर इस्तेमाल होने वाला पीएच बैलेंसर है मगर यह शरीर के हार्मोनल संतुलन को बिगाड़ सकता है और हार्मोनल तथा मासिक संबंधी समस्याओं को उकसा सकता है।

लॉरिल सल्फेट (lauryl sulphate (SLS)), सोडियम लॉरेथ सल्फेट (sodium laureth sulphate (SLES))

इसका इस्तेमाल शैंपू, टूथपेस्ट और साबुनों में भी होता है। इसके लिए कई दुष्प्रभाव हैं और ऐसे रसायन वाले किसी भी उत्पाद के इस्तेमाल से बचना चाहिए। यह त्वचा को इरिटेट करता है। बालों को नुकसान पहुंचा सकता है और बालों के झड़ने की समस्या को बढ़ाता है। आंखों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। नर्वस सिस्टम को सुस्त कर देता है। यह कई त्वचा समस्याओं को पैदा कर सकता है और लिवर व किडनी के कार्य प्रभावित कर सकता है। यह आपके हृदय के कार्यकलापों में भी बाधा डाल सकता है।

प्रोपिलीन/बुटिलीन ग्लाइकोल (Propylene / Butylene Glycol)

यह लगभग सभी सौंदर्य उत्पादों में पाया जाता है। इसके भी कुछ गंभीर दुष्प्रभाव हैं। यह कुछ लोगों में त्वचा पर रैशेज ला सकता है। नर्वस सिस्टम पर भी इसका दुष्प्रभाव पड़ता है। यह हाइपोग्लाइसीमिया (शुगर का बहुत कम हो जाना) को उत्पन्न कर सकता है।

डिमिथाइल फैथले (Dimethyl phthalate (DMP), डिनबुटाइल फैथलेट (Di-n-butyl phthalate (DBP) और डाई फैथलेट (DEHP)

यह तत्व सौंदर्य उत्पादों और इत्र में इस्तेमाल होता है। यह स्पर्म काउंट कम करता है और स्तन के समय पूर्व विकास को प्रेरित कर सकता है। यह नर्वस सिस्टम को नुकसान करता है और गर्भवती महिलाओं द्वारा इस्तेमाल किए जाने पर बच्चे में जन्मजात विकारों को जन्म दे सकता है।

आलेख की पहली कड़ी यहां पढ़ें :

स्‍टेरायड वाली क्रीम से बच के

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